A Father wish ( एक पिता की इच्छा )
जिंदगी से हारा हुआ एक पिता अपने बेटा से कहता हैं -
सोचा था मैं क्या बनूँगा , क्या से क्या बन गया ?
सोचा था आईएएस बनूँगा , एक कंपनी एम्प्लोयी बन गया |
मैं जो न कर सका, वह तुम कर दिखलाना |
एक दिन तुम आईएएस बनकर , मेरे सपनो को पूरा कर जाना |
वह बेटा अपने पिता से क्या कहता हैं -
पापा आप जो न कर पाए वह मैं कैसे कर पाऊंगा ?
आख़िर तो मैं आपका ही बेटा हूँ , आपसे बेहतर कैसे कर पाउँगा ?
बेटा का बात सुनकर उस पिता के आँखों में आंसू आ जाते हैं | वह पिता अपने बेटा का हौसला बुलंद करने के लिए कुछ इस से व्यान करते हैं -
कोसिस तो बहुत किया पैर मैं कुछ नहीं कर पाया |
क्योंकि मैं फॅसा था बुरी संगत में , जिससे मैं मंजिल को ही भूल गया |
नहीं दिखा मंजिल का रास्ता,उस दुनिया के भीड़ में |
अपने लोगो ने तो मंजिल के रास्ते दिखाए ,मेरे ही कुछ दोस्तों ने रास्ते से भटकाए |
बुरी संगत से बचना ऐ मेरे बेटे, तुझे मैं मंजिल का रास्ता दिखाऊंगा |
मैं तेरा दोस्त बनकर , तुझे मंजिल तक मैं पहुँचाऊँगा |
बस मेरी यही इच्छा हैं , तुम मेरे सपनो को पूरा कर जाना |
वह बेटा रोते हुए अपने पिता से बहुत ही सुन्दर लाइन कहता हैं -
मुझे माफ़ करना पापा , मैं आपको समझ नहीं पाया |
आप जो न कर पाए, वह मैं कर दिखाऊंगा |
दिन रात मैं मेहनत करके,आपके सपनों को पूरा कर जाऊंगा |
एक दिन मैं आईएएस बनकर ,आपके सपनो को पूरा करूँगा |
A father who has lost his life says to his son -
I thought what would I become, what did I become?
What does that son say to his father -
On hearing the son's tears tears up in that father's eyes. That father does something to encourage his son.
Try did so much, I could not do anything.
The son weeping says a very beautiful line to his father -
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