||तेरे सिवा मैं न चाहू किसी और को|| Hindi Shayari- Poem||Creative writer amarjeet kumar||
तेरे सिवा मैं न चाहू किसी और को ,
जबतक हैं सांसे चाहूंगा तुम्ही को |
तुमसे जुड़ी हैं , मेरे दिल की धड़कन |
जन्म जन्म जुड़ा हैं हमारा ये बंधन |
कभी जीने मरने की कसम खाई थी हमने |
ज़िन्दगी के सफर में , साथ चले थे हमने |
क्यों तू खफा हैं , बता जड़ा मुझको |
ना जा ऐसे रुला के तू मुझको |
तेरे सिवा मैं न चाहू किसी और को ,
जबतक हैं सांसे कहूंगा तुम्ही को |
हरपल तुझे मैं इस दिल में ही रखा |
तेरे बिना मैं किसी और को ना चाहा |
फिर क्यों तू मुझसे खफा हो गयी |
मेरे दिल का हालत अब बुरी हो गयी |
जबतक हूँ जिन्दा चाहुँगा मैं तुम्हीं को |
ये मेरी कसम हैं , न जा तू रुला के तू मुझको |
मुझे माफ़ कर दो ,खफा हो गयी थी तुमसे |
मेरे जिंदगी का सफर हैं तुम्हीं से |
Comments