||भगवान किसे कहते हैं ?||भगवान , जाति -धर्म में क्या सम्बन्ध हैं ?||What is God called? ||what is the relation between caste and religion, God|| ||Amarjeet Kumar||
कहते हैं न कि जाति -धर्म या किसी भी चीज का स्थापना अच्छे कामो के लिए ही होता हैं।
लेकिन ये भी सत्य हैं कि अभी कुछ लोग सत्ता या जाति -धर्म के नाम पर अपने फायदे के लिए एक -दूसरे को लड़ाते रहते हैं।
जब सभी भगवान ने मिलकर ऐसा इंसान बनाये कि वह नेक और सच्चा मानव था। जैसे -जैसे मानव के पास नयी -नयी विचार आते गया। वैसे -वैसे नये चीजो का विकाश होते गया। उनके कामो के आधार पर जाति का निर्माण हुआ।
हमारे ब्रह्माण्ड में बहुत से धर्म हैं और उन सबके अपने -अपने भगवान हैं। भगवान का अर्थ -
भगवान एक गुण वाचक शब्द हैं। जिसका अर्थ गुणवान होता हैं। यह भग धातु से बना होता हैं।
भग के 6 अर्थ होते हैं - 1 . पूर्ण ज्ञान 2 . पूर्ण बल 3 . पूर्ण धन 4 . पूर्ण यश 5 . पूर्ण सौंदर्य 6 . पूर्ण त्याग
जिसके पास ये 6 गुण हैं। वह भगवान हैं।
( भग धातु - भगवान शब्द बनता हैं - भग +वान , इसमें ''भग '' धातु हैं )
साधारण से भाषा में बोले तो ,भगवान का अर्थ हैं -परमात्मा , गुणवान , ब्राह्मण , ऐश्वर्यशाली।
धर्म ग्रंथो के अनुसार वह सर्बोच्च सत्ता , जो सृष्टि का स्वामी हो।
भगवान शब्द 5 तत्वो से बना हैं -
भ् से भूमि
ग् से गगन
व् से वायू
आ से आग
न् से नीर
अथार्त जो सभी तत्वों का श्वामी हों।
सभी धर्म के भगवान का नाम अलग -अलग हैं। जैसे हिन्दू भगवान का नाम -ब्रह्मा , विष्णु , महेश ---. मुश्लिम धर्म का भगवान का नाम हैं -अल्लाह , बौद्ध धर्म का भगवान का नाम हैं -बुद्ध ----------
लेकिन इन सभी भगवानों का एक ही अर्थ हैं - भगवान ( गॉड ).
आप किसी भी धर्म के ग्रंथो को पढ़कर देख लीजिये। उन सभी ग्रंथो में भगवान मानव के हित और कल्याण के बाड़े में ही बोले हैं। हर धर्म का भगवान यही कहते हैं कि तुम एक इंसान हों। तुम्हारे अंडर प्रेम , दया ,भाईचारा होनी चाहिए ,और हर इन्सान के अंडर एक मानवता होनी चाहिए।
सभी धर्म के भगवान् का एक ही कहना हैं - कि तुमसब मेरे पुत्र हो। चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हों। जब तुम्हे कोई कष्ट होता हैं , तब ये देखकर मुझे भी बहुत दुःख होता हैं। मै सभी मानव में प्रेम बाटता हूँ , प्रेम का आशीर्वाद देता हूँ और एक दूसरे के साथ प्रेम से रहने का कामना करता हूँ।
फिर मेरे नाम पर ये नफ़रत क्यों ? मेरे नाम पर ये लड़ाई क्यों ? आखिर तुमसब मेरे नाम क्यों बदनाम करना चाहते हो ? एक दिन तुम सबको इसका हिसाब देना होगा।
आज जो हमारे देश में जाति -धर्म के नाम पर जो लड़ाई हो रहा हैं।
यह सभी धर्म के भगवान का अपमान हैं। क्योंकि नफ़रत करना तो भगवान ने सिखाया ही नहीं।
जब जब धर्म के नाम पर मारपीट हुआ हैं। तो इसमें हमेशा आमआदमी का ही नुकशान हुआ हैं। आप इतिहास पलटकर देख लीजिये। राजा , मंत्री और अमिर लोगो ने युद्ध जरूर शुरू किया हैं। लेकिन उसमे हमेशा बेकसूर गरीब लोग ही मारा गया हैं। क्योंकि ये मंत्री और राजा तो आराम से आलिशान बंगले में आराम कर रहे होते हैं, और अभी यही हो रहा हैं। मंत्री लोग अपनी वोट के चक्कर में जाति - धर्म के नाम पर एक - दूसरे को लड़ा देते हैं और बाद में सभी मंत्री लोग एक साथ पार्टी करते हैं। क्योंकि हमसब बेवकूफ जो हैं .
आम आदमी (गरीब ) हमेशा प्यार और भाईचारा का मिशाल रहा हैं। कुछ कम बुद्धि वाले लोग ही हैं जो किसी दूसरे या मंत्री के बात में आकर एक दूसरे से जाति -धर्म के नाम पर लड़ाई शुरू तो कर देते हैं और भुगतना सबको पड़ता हैं।
इस लड़ाई में मरता कौन हैं - गरीबलोग ( आमआदमी ) का ?
घर किसका बर्बाद होता हैं -गरीबलोग ( आमआदमी ) का ?
नुकशान किसका होता हैं -गरीबलोग ( आमआदमी ) का ?
और एक लड़ाई से फायदा किसका होता हैं - मंत्री लोग या बड़े लोगो का ?
अभी भी वक़्त हैं। सुधर जाओ और अपने परिवार के बाड़े में सोचो ,और प्रेम , भाईचारा बनाकर रखो। क्योंकि भगवान ( गॉड ) सब देख रहे हैं। एक दिन ऊपर इन सबका हिसाब तुम्हे देना होगा।
अगर मेरे इस पोस्ट से किसी का भी दिल दुखा हो तो मै दिल से माफ़ी 🙏 मांगता हूँ।
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